भाजपा नेता नहीं सुरक्षित, तो आम आदमी का क्या
सदर कोतवाल की अभद्रता से आहत भाजपा नेता ने किया जान देने का प्रयास
फांसी लगाने से पहले पीड़ित बीजेपी नेता ने सोशल मीडिया में वीडियो किया वायरल
पुलिस प्रताड़ना के आतंक से एक भाजपा नेता पहले भी दे चुका है अपनी जान
अपराध नियंत्रण में फेल हुआ सदर कोतवाल पर होनी चाहिए कड़ी कार्यवाही
चेन स्नेचिंग की घटनाओं का आज तक नहीं हो सका खुलासा
भाजपा नेता के मामले में पुलिस कप्तान को स्वयं करनी चाहिये जांच पड़ताल
यूपी के फतेहपुर जिले में एक भारतीय जनता पार्टी का कार्यकर्ता अपने मान-सम्मान को लेकर इतना आहत हुआ कि उसने फांसी लगाकर जान देने का प्रयास किया, गनीमत ये रही कि समय रहते भाजपा नेता को फांसी के फंदे से छुड़ाकर उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, किंतु गंभीर हालत देखते हुए चिकित्सक ने भाजपा नेता को कानपुर के लिए रिफर कर दिया। अब सवाल यह उठता है कि भाजपा की सरकार में जब कार्यकर्ताओं की सुनवाई नहीं होती है और उनके मान-सम्मान को रौंदते हुए अभद्रता कर जलील करने का काम किया जाता है तो आम इंसान का क्या हाल होगा..! आपको यह भी बता दे की इसके पूर्व एक भाजपा नेता ने पुलिस उत्पीड़न से आहत होकर आत्महत्या कर ली थी..!
सदर कोतवाली क्षेत्र के शादीपुर इलाके में स्थित एक नर्सिंग होम संचालक तथा भाजपा कार्यकर्ता अमित शर्मा किसी मामले को लेकर सदर कोतवाल से मुलाकात करने गए थे। मुलाकात के दौरान भाजपा नेता के साथ सदर कोतवाल तारकेश्वर राय ने अभद्रता करते हुए उनको जमकर बेइज्जत किया जिसकी वजह से भाजपा नेता इतना ज्यादा आहत हुए की सोशल मीडिया के माध्यम से वीडियो बनाकर अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए फांसी लगाकर जान देने का बयान वायरल कर दिया। इसके कुछ देर बाद ही भाजपा नेता फांसी के फंदे पर झूल गया। गनीमत यह रही कि समय रहते इस घटनाक्रम को किसी ने देख लिया और आनन-फानन में भाजपा नेता को फांसी के फंदे से छुड़ाकर उपचार के लिए जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी हालत चिन्ताजनक देखते हुए चिकित्सक ने कानपुर मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया।
ज्ञात रहे कि अपराध नियंत्रण के मामले में सदर कोतवाली पुलिस पूरी तरह से फेल है। अगर सिर्फ आधा दर्जन से अधिक चेन स्नेचिंग, वाहन चोरी तथा टप्पेबाज़ी के मामलों पर प्रकाश डाला जाए तो इन सब घटनाओं का खुलासा करने में पुलिस पूरी तरह से नाकाम है और ज्यादातर वारदातो कि फ़ाइल आज भी धूल फांक रही है..!
आपको यहां पर यह भी बताना जरूरी है कि हरिहरगंज चूना वाली गली के रहने वाले एक भाजपा नेता ने पुलिस प्रताड़ना से आहत होकर आत्महत्या कर ली थी, किंतु इस मामले से सबक लेने के बाद भी पुलिस के भीतर जरा सा भी परिवर्तन नहीं आया है और मौका पाकर चाहे बीजेपी नेता हो या आम इंसान उसके साथ अभद्रता एवं उत्पीड़न करने में कोई भी कोर-कसर नहीं छोड़ी ज़ा रही है ..! अब सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि जब योगीराज में भाजपा कार्यकर्ताओं का मान-सम्मान सुरक्षित नहीं है तो आम इंसान का क्या होगा...!????
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