लखनऊ
मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। सुप्रीम कोर्ट ने उन सभी सात राज्यों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा जहां कार्यवाहक डीजीपी की तैनाती थी। उत्तर प्रदेश सरकार ने अदालत में जवाब देने से पहले अपनी नई नियमावली बना ली, जिसमें डीजीपी की तैनाती राज्य सरकार की ओर से गठित कमेटी को करने का अधिकार दे दिया गया। इसमें रिटायर्ड जस्टिस हाईकोर्ट, रिटायर्ड डीजीपी उत्तर प्रदेश, मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव गृह, संघ लोकसेवा आयोग के एक सदस्य के साथ-साथ मौजूदा पूर्ण कालिक डीजीपी को रखा गया।

5 नवंबर को कैबिनेट में आए इस प्रस्ताव के पास होने के बाद से अब तक इससे संबंधित नियमावली सार्वजनिक नहीं की गई है और न ही कमेटी का गठन किया गया, जिससे डीजीपी की स्थायी नियुक्ति हो सके।


मिडिया रिपोर्ट 
ए के सिंह 



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