फर्जी बैनामा का मामला मेहनाजपुर क्षेत्र के जियापुर ग्राम सभा में

                                                                                                                  आजमगढ़ ब्यूरो रिपोर्ट 

फर्जी बैनामा का मामला 

मेहनाजपुर क्षेत्र के जियापुर ग्राम
 सभा में 

जिया पुर  बहलोल पुर आदि 
सहित कयी ग्राम सभा में जमीन का मामला 


जाने माने समाज सेवी अजित सिंह के साथ उनके हक कि जमीन पर फर्जीवाड़ा का मामला 


क्या है मामला 




रजिस्ट्री कैनसीलेशन को लेकर दिवानी न्यायालय में मुकदमा विचाराधीन है।फिर भी 
राजस्व अभिलेख में नामांतरण प्रकिया पूरी कर दी गई।
प्रथम रजिस्ट्री के उपरांत ही प्रार्थी द्वारा रजिस्ट्री दफ्तर में रजिस्ट्री पर रोक लगाने व प्रार्थी को सूचना देने की फीस जमा की गई परन्तु प्रार्थी को कोई सूचना नहीं दी गई। उसके उपरांत चार रजिस्ट्री दनादन कर दी गई।

दी गई।

जमीन कि फर्जी रजिस्ट्री का मामला आया सामने 

राजस्व कर्मियों का खेल



२१साल बाद नाम खतौनी में परिवर्तन कर वरासत की लड़ाई में  बगैर न्यायालय के फैसलों के दनादन पांच रजिस्ट्री २५-५-२०१७सेअप़ौल२०१८ के बीच नोट बन्दी के दौर में २८-३० लाख रुपए नकद और १२लाख फर्जी चेक पर करोड़ों से उपर की सम्पत्ति एक मंद बुद्धि (पागल) महिला से खुद व पागल की चर्चा होने पर फर्जी पावर आफ एटारमी पर बिक क्षिप्त महिला रजिस्ट्री कर डाली जबकि अभी वरासत का मामला न्यायालय में विचाराधीन है।
रजिस्ट्री बिबाद को लेकर आपस में बराबर तना तनी बनी हुई है। इसी  विवाद को लेकर महिला निर्मला सिंह ने थाना मेहनाज पुर आजमगढ़ में २१ नवंबर को अपने जख्मी होने की सूचना दी अपनी डाक्टरी कराने के उपरांत अपना इलाज निजी अस्पताल में कराया । थाना प्रभारी द्वारा अभियुक्तों के ऊपर उनके धनबल के प्रभाव में कोई कार्रवाई नहीं की अपितु २२ नवंबर को एक अपनी जाति (ब्राह्मण) और दो जो प्रार्थी के ही पट्टी दार है सबको पुलिस प्रभाव में कर कब्जा दिलाना चाहा परन्तु राज्स्व द्वारा नायब तहसीलदार 



लालगंज आजमगढ़ द्वारा कार्य वाही पर कब्जा रोका जा सका।


यह रजिस्ट्री विवरण है।
आय और सम्पत्ति का विवरण है रुपया कहां रखा था और कहां खर्च हुआ नगद का विवरण और चेक वाकई में खाता स्थानान्तरण हुआ या केवल पेपर में दर्शाया गया है।



मामला लालगंज आजमगढ़ की रजिस्ट्री दफ्तर का रजिस्ट्री दफ्तर में रजिस्ट्री पागल महिला से दस्तावेज लेखक के प्रभाव में फर्जी रजिस्ट्री करा दी गई।
१-पहली रजिस्ट्री दिनांक २५-०५-२०१७ को जिसकी सरकारी कीमत -३५,७६०००रूपया है जिसे नोट बन्दी के दौर में ११०००००रुपया नगद दिखाकर मंदबुद्धि (पागल) महिला से रजिस्ट्री दफ्तर के बही संख्या १के जिल्द संख्या ३४४७के पृष्ठ संख्या २७से६४पर क्रमांक १७४९ पर अंकित है।
२-दुसरीबार रजिस्ट्री एक ही व्यक्ति अपने व अपनी मां के नाम -२२-०८-२०१७को बही संख्या -१ जिल्द संख्या -३४९९ के क्रमांक संख्या -२६५५व२६५६और२६५७ पर पृष्ठ संख्या १से लगायत८०पर अंकित है।
उपरोक्त तीनों रजिस्ट्री की गई जमीन की सरकारी कीमत -६८४९०००रुपया है।
 जिसे नोट बन्दी के दौरान १८०००००रुपया नगद व१२०००००रुपया चेक से भुगतान किया गया है जो समभौतह फर्जी ही है।
तीनों रजिस्ट्री के गवाह एक हैं।  (उपरोक्त तीनों रजिस्ट्री पागल की पावर आफ एटारमी पर की गई है।)
३-इसी प्रकार पांचवीं रजिस्ट्री पावर आफ एटारमी पर की गई है जिसका भी विवरण निम्न है, दिनांक २८ मार्च २०१८बही संख्या १ जिल्द संख्या ३६२९ पृष्ठ संख्या २११ से २३६ व क्रमांक ११०६ पर अंकित है ।जिसकी सरकारी कीमत ८,६२,०००रुपये है उसे नोट बन्दी के दौरान २,५०,०००रुपये नगद देकर रजिस्ट्री करवाया गया है।
उपरोक्त सभी रजिस्ट्री की जांच कराकर बिधीक कार्य वाही किया जाना न्याय संगत कार्य होगा । 
 साथ में लिप्त सभी के विरुद्ध ( लेखक, पहचान कर्ता आदि) उचित कार्रवाई होना न्यायोचित कार्य होगा।







 लालगंज आजमगढ़ के रजिस्ट्री दफ्तर में इस मंदबुद्धि महिला से दस्तावेज लेखक हरिश्चंद्र तिवारी ने निर्मला सिंह पत्नी सुग्रीव 
निवासी --बहलोल पुर , लालगंज आजमगढ़ को रजिस्ट्री करवाया जब चर्चा होने लगी कि पागल महिला कैसे रजिस्ट्री कर सकती है तो आनन-फानन में निर्मला सिंह के पुत्र संजय सिंह को गवाह बनाकर जौनपुर जिले की केराकत तहसील में लेजाकर विक्क्षीप्त सावित्री पत्नी सारनाथ के नाम पावर आफ एटारमी बनवाकर दनादन फर्जी तरीके से नगदी रजिस्ट्री करवाया जब की पावर आफ एटारमी पर लगा फोटो पावर आफ एटारमी के दिनांक की नहीं है। निर्मला सिंह की रजिस्ट्री के दिनांक के फोटो और पावर आफ एटारमी पर लगी फोटो में काफी अंतर है जब की १०-१२दिन में इतना अंतर नहीं हो सकता यह कारनामा भी फर्जी बाडा का ही हिस्सा है। रजिस्ट्री दस्तावेज का फोटो व पावर आफ एटारमी का भी फोटो दोनों ही है।

ब्यूरो रिपोर्ट।

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